आत्मविश्वास (Self Confidence) :-
आत्मविश्वास से आशय ' स्वंय पर विश्वास एंव नियंत्रण' (Believe in Yourself) से है।हमारे जीवन में आत्मविश्वास का होना उतना ही आवश्यक है जितना किसी फूल में खुशबू (सुगंध) का होना।
" आत्मविश्वास"-self confidence. विश्वास जाग्रत करने से पूर्व सेल्फ अर्थात स्वयं को जानना होगा। मैं एक ,गुण व शक्तियों से संपन्न सत्ता हूँ, पवित्रता शांति प्रेम सुख आनन्द ज्ञान शक्ति से भरपूर एक ऊर्जा का स्रोत हूँ। मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा हूँ, परमात्मा की संतान हूँ।
यह निश्चय गहराई तक चाहिए, sub concious mind तक यह अनुभव होना चाहिए, तब आएगा आत्मविश्वास और वह केवल निरंतर योग अभ्यास व जीवन में मनसा वाचा कर्मणा पवित्रता व संयम से ही संभव हैं।
आत्मविश्वास माना स्वयं पर भरोसा[अपनी क्षमताओं पर भरोसा]
सदा यही स्मृति रखे यह कार्य संभव हैं- कुछ भी मुश्किल नहीं।सफलता निश्चित है, सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है।
आत्मविश्वास के बगैर हमारी जिंदगी एक जिन्दा लाश के समान हो जाती है।कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रतिभाशाली क्यों न हो वह आत्मविश्वास के बिना कुछ नहीं कर सकता।आत्मविश्वास ही सफलता की नींव है, आत्मविश्वास की कमी के कारण व्यक्ति अपने द्वारा किये गए कार्य पर संदेह करता है और नकारात्मक विचारों के जाल में फंस जाता है।आत्मविश्वास उसी व्यक्ति के पास होता है जो स्वंय से संतुष्ट होता है एंव जिसके पास दृड़ निश्चय, मेहनत, लगन, साहस(फीयरलेस), वचनबद्धता (Commitment) आदि संस्कारों की सम्पति होती है।
🔅 जीवन में सफलता हासिल करने के लिये रोजाना एक पदार्थ की आवश्यकता होती है।वह है-
आ - आत्मविश्वास
ई - इच्छाशक्ति
स- सकारात्मक द्रष्टीकोण
क्रि- क्रियाशीलता
म- महत्वाकांक्षा...
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। विनर(Winner) और लूजर(Looser)
लेकिन जिंदगी हर लूजर को एक मौका जरूर देती है। जिसमें वह विनर बन सकता है।
आत्मविश्वास को पैदा करने की जरुरत होती है।क्रिएटिविटी के साथ-साथ उसे समय- समय पर दिखाया भी जाना चाहिये।जिससे पोसिटिव फीडबैक मिलता है और वही Feedback आत्मविश्वास को बरकरार रखता हैं।
दुनिया में कितने हैंडीकैप है जो शरीर साथ न देते हुए भी हिम्मत नहीं हारते क्योंकि उनमे मनोबल, आत्मविश्वास बहुत है।
I am Unique
I don't have the same part
As anyone else
I have to become
Like a💎DIAMOND- FLAWLESS
मनुष्य जीवन में धन, बुद्धि, स्वास्थ्य भौतिक बलों से ही नही बल्कि आत्मबल की भी जरूरत होती है।
अच्छे से अच्छा तैराक बिना आत्मविश्वास के तैर नहीं सकता।यही मनुष्य का मित्र व उसकी बड़ी पूँजी है।शक्तियो को संगठित करके उन्हें एक दिशा में लगाना, चाहे शारीरिक, चाहे मानसिक।तो सफलता उनके हाथ में है।
डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है कि डाली कमजोर है फिर भी उस डाली पर बैठा है।क्योंकि उसे डाली पर नहीं, अपने पंखो पर भरोसा है।
मैदान में हारा हुआ व्यक्ति भी जीत सकता है, लेकिन मन से हारा व्यक्ति कभी जीत नहीं सकता।
ये पूरी सृष्टि हमेशा आपके पक्ष में (फेवर में) काम करती है न कि विरोध में, ऐसा सोचोगे तभी आगे बढ़ेंगे।
" ग़म एक ऐसा अनुभव है,
जो सबके पास है,
मगर ज़िन्दगी तो वही जीता है, जिसको खुद पर विश्वास है...."
आत्मविश्वास के दुश्मन
आलस्य:
आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन हमारा आलस्य हैं| अगर हम हर कार्य को करते समय आलसी बने रहेंगे तो हम कभी अपना आत्मविश्वास नहीं बढ़ा पाएंगे।
क्रोध:
कहते हैं क्रोध इन्सान की अक्ल को खा जाता हैं। जब किसी व्यक्ति को क्रोध आता हैं तो वह अपने आपे से बाहर हो जाता हैं और अपने कार्य में गलती करने लगता हैं और अपने कार्य को पूर्ण नहीं कर पाता हैं। जिससे उसके आत्मविश्वास में कमी आ जाती हैं।
चिंता :
अगर हम किसी कार्य के पूर्ण होने के बारे में बहुत अधिक चिंता करते हैं तो हम उस कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास से नहीं कर पाते हैं।.
तनाव:
अगर हम हर समय किसी तनाव को झेलते रहते हैं तो हमारा मन नहीं लगता है। और कार्य को पूर्ण करने का कौशल हम खो देते हैं| और बेमन से किया कार्य कभी भी सफल नहीं हो सकता हैं।
इस दुनिया में नामुनकिन कुछ भी नहीं है (नथिंग इज इम्पॉसिबल इन दिस वर्ल्ड)
आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन किसी भी कार्य को करने में असफलता होने का डर है एंव डर को हटाना है तो वह कार्य अवश्य करें। जिसमें आपको डर लगता है। डर के आगे जीत है।
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